यह ब्लॉग जीवनसाथी चुनने से पहले चर्चा करने के 12 महत्वपूर्ण विषयों का दूसरा भाग है।
यहाँ हम विषय सं. 6 से 12 पर चर्चा करेंगे। अगर आपने पहले 5 विषय नहीं पढ़े हैं, तो इस ब्लॉग को पहले पढ़ें: *जीवनसाथी चुनने से पहले चर्चा करने के 12 महत्वपूर्ण विषय (भाग-1)*
- सुसंगतता/अनुकूलता: शादी जीवनभर का साथ है। इसमें दो लोग साथ रहते हुए, ज्यादातर काम एक साथ करते हुए, एक-दूसरे के जीवन को प्रभावित करते हैं। जीवन में किसी भी समय आने वाली परेशानियों का मिलकर सामना करते हैं। इस लंबे समय को ध्यान में रखते हुए, संभावित जीवनसाथी के साथ आपकी सुसंगतता/अनुकूलता की जाँच करना अच्छा रहता है। भावनात्मक सुसंगतता, शारीरिक सुसंगतता, आध्यात्मिक सुसंगतता कुछ ऐसे ही पहलू हैं जिनके बारे में आप आपकी शादी से पहले पता कर सकते है।
- शौक, रुचियाँ, पसंद, नापसंद: यदि पति-पत्नी एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का ख्याल रखते हैं तो जीवन बहुत आसान हो जाता है। यदि वे दोनों अपने साथी की पसंद के अनुसार काम करते हैं तो यह अपने परफेक्ट जीवनसाथी के साथ रहने की तरह है। मैं मानता हूँ कि कम समय में किसी व्यक्ति की सभी पसंद या नापसंद को जानना मुश्किल है, लेकिन अगर आप और आपका संभावित जीवनसाथी शादी से पहले एक-दूसरे के मुख्य शौक, रुचि, पसंद, नापसंद आदि के बारे में अधिक जानने कर प्रयास कर सकते है।
- मित्र-परिचित: किसी व्यक्ति के मित्रों, परिचितों, और सामाजिक संगति के बारे में जानना उस व्यक्ति के बारे में जानने का सबसे अच्छा तरीका होता है। आप जिस व्यक्ति से शादी करने वाले हैं, उसकी संगति के बारे में जानना चाहिए। आप उसके दोस्तों, उनकी मुलाकात की जगहों, मिलने का समय, मिलने पर क्या करते हैं आदि के बारे में पूछ सकते हैं।
- भविष्य की क्षमता: शादी से पहले बहुत जरूरी है कि आप अपने संभावित जीवनसाथी के भविष्य का पूर्वानुमान लगाएँ। इसका मतलब यह है कि अपने जीवनसाथी की वर्तमान स्थिति को ही न देखें, बल्कि यह भी देखें कि वो भविष्य में क्या कर सकता/सकती हैं। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि इस समय आपके संभावित जीवनसाथी बहुत अच्छी नौकरी/व्यापार न कर रहे हों, लेकिन उनसे मिलने पर आपको महसूस हो कि वे भविष्य में बहुत तरक्की कर सकते हैं। आप इस बारे में उनसे और सवाल पूछ सकते हैं और जवाब के आधार पर शादी करने या न करने का निर्णय ले सकते हैं।
- परिवार बढ़ाना: कुछ दशक पहले, यह चर्चा का विषय नहीं हुआ करता था। शादी के कुछ ही समय में एक बच्चा (और कुछ सालों में और बच्चे) होना स्वाभाविक था। लेकिन अब बच्चों के प्रति नजरिया बदल रहा है। आजकल लोग परिवार बढ़ाने के बारे में अलग-अलग सोच रखते हैं। आप अपने संभावित जीवनसाथी के साथ इस विषय पर चर्चा कर सकते हैं और पता लगा सकते हैं कि क्या आप दोनों को बच्चे पसंद हैं या नहीं, अगर नहीं तो क्यों? अगर हाँ, तो आप दोनों कब और कितने बच्चे चाहते हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी जानकारी: चूंकि पति-पत्नी अपने जीवन के विभिन्न सामाजिक, मानसिक और शारीरिक पहलू साझा करते हैं, उनका शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी आपस में जुड़ा हुआ होता है। अगर दोनों में से एक बीमार हो जाता है, तो दूसरे पर ही इसका सबसे ज्यादा असर होता है। इसीलिए, आप अपने संभावित जीवनसाथी से पूछ सकते हैं कि उन्हें कैंसर, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, पथरी, अनिद्रा या डिप्रेशन/तनाव जैसी मानसिक परेशानी आदि तो नहीं है। अगर जरूरत हो तो उनके परिवार में वंशानुगत बीमारियों के बारे में भी पूछा जा सकता है।
- पूर्व संबंध: यह पूछना पूर्णतः स्वैच्छिक है। कुछ लोग अपने जीवनसाथी के पूर्व संबंधों को लेकर परेशान नहीं होते हैं, जबकि कुछ के लिए शादी से पहले यह जानना जरूरी होता है। अगर आपको इससे फर्क पड़ता हो, तो यह पूछा जा सकता है कि क्या आपके जीवनसाथी का किसी से संबंध रह चुका है (या फिर अभी भी है)। अगर आप उनके पूर्व संबंध के बारे में जानना चाहते हैं या फिर आपका कोई संबंध रहा था (या अभी भी है) और आप अपने संबंध के बारे में उन्हें बताना चाहते हैं, तो आप बातचीत के दौरान इस विषय पर चर्चा कर सकते हैं।
– क्या आपको लगता है कि शादी के लिए हाँ कहने से पहले इन विषयों पर चर्चा करने से फायदा होगा?
– आपके हिसाब से जीवनसाथी चुनने से पहले और किन विषयों पर चर्चा करना जरूरी होता है?
हमें नीचे कमेंट्स सेक्शन में जरूर बताएँ।
To read this blog in English, click this link: 12 essential topics to discuss before choosing a life partner – Part 2
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