क्या आपने कभी सोचा है कि शादी करना सचमुच जरूरी है या नहीं?
इस प्रश्न का उत्तर है – यह व्यक्ति पर निर्भर करता है!
आइये इस ब्लॉग में हम किसी व्यक्ति के शादी करने या न करने के कारणों पर चर्चा करते है।
शादी क्यों जरूरी है:
- अगर हम किसी व्यक्ति के जीवन को शुरुआत से देखते है, तो आमतौर पर माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और रिश्तेदार उसके साथ होते हैं। समय के साथ इन सभी का साथ छूटता जाता है। बुजुर्ग अपनी आयु पूर्ण कर गुजर जाते हैं, वहीं भाई-बहन और अन्य रिश्तेदार भी एक वक्त आने पर अलग हो जाते हैं। बेशक, हमारे पास दोस्त और साथी होते हैं लेकिन उनकी भी अपनी जिंदगी और जिम्मेदारियाँ होती हैं।
- इसलिए, हम सभी को जीवनभर के लिए एक साथी की जरूरत होती है, जिसके साथ हम अपना पूरा जीवन बिताने के बारे में सोच सकें।
- हम सबके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। इसलिए हमें किसी की जरूरत होती है, जो हमेशा जरूरत के समय हमारे साथ रहे, जिसके साथ हम अपना सुख, दुख बाँट सकें तथा जीवन के हर मोड़ पर जिसे अपने साथ पाएँ।
- सबकी शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक जरूरतें होती हैं। इन सभी जरूरतों को पूरा करने वाले व्यक्ति को सदा के लिए अपने साथ रखने का सबसे अच्छा जरिया शादी है।
- अगर हम इसी सन्दर्भ को मनोवैज्ञानिक पहलू से देखें तो-
- किसी को भी अपने जीवन के सफलतम समय में किसी अन्य व्यक्ति की जरूरत नहीं होती है। यदि आप स्वतंत्र, स्वच्छंद और सफल जीवन का मजा ले रहे हैं, तो शादी न करने के आपके निर्णय को समझा जा सकता है।
- परन्तु अगर आप उस समय के बारे में सोचते हैं जब आप उम्र बढ़ने के साथ होने वाली शारीरिक या मानसिक अस्वस्थता की वजह से ठीक से काम नहीं कर पाएँगे, तो आपको अपना साथ देने के लिए किसी की जरूरत पड़ेगी।
- इसके लिए आपके जीवनसाथी से बेहतर कोई नहीं हो सकता, जो जरूरत पड़ने पर आपका ध्यान रखे और आपका साथ दे।
यदि आप शादी नहीं करना चाहते है – यदि आप इस विषय पर अलग विचार रखते हैं, तो शादी न करने का निर्णय लेने से पहले अपने आप से ये सवाल जरूर पूछें –
- क्या आपने भविष्य की योजना बना रखी है? – जैसे कि हमने ऊपर चर्चा की ही है – जीवनसाथी मतलब है जीवन भर का दोस्त और साथी। क्या आपने ये सोचा है कि अगर आप जीवन भर अकेले रहेंगे तो जीवन कैसे व्यतीत करेंगे?
- जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से अभी की तरह स्वस्थ नहीं रहेंगे तब आप अकेले क्या करेंगे? – अभी आप शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से जितने सक्षम हैं, उतने हमेशा नहीं रह सकते हैं। क्या आपने यह सोचा है कि ऐसे समय में अगर कोई ध्यान रखनेवाला आपके पास न हुआ, तो आप क्या करेंगे? क्या आप बढ़ती उम्र में अपनी भावनाओं को संभाल पाएँगे?
- तब आप क्या करेंगे जब आपके निकटस्थ व्यक्ति, रिश्तेदार और दोस्त आपके आसपास नहीं होंगे? – अभी आप अपने परिवार, भाई-बहनों और दोस्तों के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं। जरा इस बारे में सोचिए – यदि आप इनमें से किसी पर निर्भर हैं, तो तब आप क्या करेंगे जब वे किसी कारणवश आपको छोड़ जाते हैं (हो सकता है वे किसी दूसरे शहर चले जाएँ या उनकी शादी हो जाए और वे अपने घर-परिवार में व्यस्त हो जाएँ, या उनकी मृत्यु हो जाए)।
- क्या इन परिस्थितियों में आप अपना खुद का ध्यान रखने में सक्षम होंगे?
मैंने ये प्रश्न आपको डराने के लिए नहीं पूछे हैं। यदि आप आश्वस्त हैं कि आपको जीवनसाथी की कोई जरूरत नहीं और आप किसी भी स्थिति में खुद को संभाल सकते हैं, या फिर इन समस्याओं का आपके पास कोई अन्य समाधान है, तो आप इसी प्रकार अविवाहित रह कर अपना जीवन बिता सकते हैं। स्वयं से ये सवाल पूछकर जवाब ढूंढना कर और स्वयं के शादी करने या न करने का निर्णय लेने का दायित्व आपका अपना है।
निष्कर्ष: शादी करना या न करना किसी के भी जीवन का सबसे बड़ा निर्णय हो सकता है। यह निर्णय लेते समय बहुत ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि एक सही निर्णय आपके जीवन को स्वर्ग, वहीं गलत निर्णय आपके जीवन को नर्क बना सकता है। शादी करने या न करने का निर्णय अपनी वर्तमान परिस्थिति के आधार पर करने की जगह भविष्य की कल्पना कीजिए, जैसे आप जीवन में क्या करना चाहते हैं? क्या आप सब कुछ अपने दम पर पा सकते हैं? अकेले रहते हुए आप सकारात्मक और नकारात्मक स्थितियों को संभाल सकते हैं? इन सभी का विश्लेषण कीजिए और उसी के अनुसार शादी करने या न करने का निर्णय लीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में ध्यान से विचार कीजिए और अपने जवाब नीचे कमेंट्स सेक्शन में बताइए:
- आप शादी करना चाहते हैं या नहीं?
- शादी करने या न करने के लिए आपके अपने कारण क्या हैं?
To read this blog in English, click this link: Why do people get married? Why is marriage important?
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तुम्हारा आलेख पड़ा । यह जीवन का एक pakha तो है ही ।जीवन मे एक साथी भी मिलता है जिसके साथ जीवन के खुशी के पल शेयर कर सकते है ।। परिवार का निर्माण भी शादी के बाद होता है और मनुष्य परिवार के साथ ही हर खुशी और दुख के समय रहना चाहता है । वही उसे आत्मिक सुख प्राप्त होता है ।
It’s very true that we need to think of future security , butthese days youngsters are so Involved into their work life and earning more that they don’t take interest into this concept of marriage, as they feel they will be tied to more responsibilities and will get stuck. I feel the same at present. But it’s true that after certain point in time , there has to be someone permanent that’s what I feel. Before that until we are fit and fine in all aspects of life , be it having healthy family relationships, good friends, good work environment , enjoying with everything and earning and being productive (might differ for everyone) , then yes it will have no major influence of this concept of marriage. So , in a way, it’s necessary to get married after a certain point when you feel well settled and just want to experience with other part of life and if you find the right partner , the most important part here. Very nicely written and explained , very very insightful.
Nice Article. Keep posting..